• “Digital Arrest Online Fraud”

 

 

  • आवेदक को सीबीआई अधिकारी एवं फर्जी पार्सल अधिकारी बताकर की थी ऑनलाइन ठगी।

 

  • कोरियर सर्विस के माध्यम से थाईलैंड देश भेजे जाने वाले पार्सल में MDMA ड्रग्स का झूठ बोलते हुए पेशेवर डॉक्टर आवेदक को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे थे 3 लाख 7 हज़ार रुपए।

 

  • आवेदक को 2 दिन तक किया था डिजिटल अरेस्ट ।

 

  • फर्जी डिजिटल अरेस्ट करने के दौरान दिए कई झूठे निर्देश जिसको सच मानकर फरियादी के साथ हुई धोखाधड़ी।

 

  • आवेदक के द्वारा लिखित एवं 1930/NCRP पोर्टल पर दर्ज कराई थी फ्रॉड की शिकायत।

 

 

इंदौर:– क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा लगातार ऑनलाइन फ्रॉड के प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है, इसी अनुक्रम में इंदौर के निवासी एक पेशेवर डॉक्टर  के द्वारा शिकायत की गई थी।

 

जिसमे पेशेवर डॉक्टर आवेदक के द्वारा बताया कि मुझे एक अंजान कॉल आया जिसमें कॉलर ने अपना परिचय फेड-एक्स के आधिकारी के रुप में दिया और आवेदक से कहा कि आपके नाम से एक पार्सल मुंबई से थाईलैंड देश कि लिए डिस्पैच हुआ था जिसको मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों के द्वारा रोक लिया गया है , आपके नाम के पार्सल में कुछ ईल्लीगल आईटम्स जैसे 36 पासपोर्ट, 15 क्रेडिट कार्ड एवं 140 ग्राम MDMA  ड्रग्स आदि सामान मिला है जो कि गैरकानूनी नशीला पदार्थ है , जिसके जवाब में मेरे द्वारा उनको यह बताया गया कि मेरे द्वारा ऐसा कोई भी पार्सल नहीं भैजा गया है, जिसके बाद उन्होनें मुझसे कहा कि मेरा आधार कार्ड पार्सल से लिंक होना पाया गया है ,क्योकिं मेरे द्वारा उन्हे यह आश्वासन दिया गया है कि उन्होने मुझसे कहा कि कोई मेरे आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहा है जिसकि कंप्लेन आपको सीबीआई में करनी होगी , उनके द्वारा मुझसे इजाजत लेते हुये मेरे कॉल को सीबीआई में ट्रांसफर कर दिया, जिसके बाद कॉलर नें कॉल उठा कर अपना परिचय मुझे सीबीआई के आधिकारी के रुप में दिया एंव मुझसे मेरी शिकायत के बारे में पूछा जिसके जवाब मेरे द्वारा उन्हो पूरी स्थीति बताई गई, मेरी पूरी स्थिती सुनकर उन्होने मुझे मुंबई आने को कहा क्योंकि मुंबई जाना मेरे लिय अभी असंभव था तो उनके द्वारा मुझे मेरी कंपलेन ऑनलाईन करने को कहा जिसके लिए उन्होने मुझे स्काईप विडियो कॉल पर दर्ज करेंगे जिसके बाद उनके द्वारा व्हाट्सएप पर विडियो कॉल किया गया, कॉल के शुरु होते ही उन्होने अपनी परिचय सीबीआई मुंबई के अधिकारी के रुप मे दिया एवं इनके द्वारा मुझे मेरा आधार कार्ड का फोटो मांगा जो उन्होने वेरीफाई किया जिसके बाद उन्होने मुझसे कहा कि हम आपका आधार कार्ड चेक कर रहे है , उन्होने मुझसे कहा कि आपका आधार कार्ड कई बैंकों के खातों से लिंक पाया गया है और यह खाता मनी लॉंडरींग के लिए इस्तेमाल किया जाता है एंव उनके द्वारा मुझे बताया गया कि उक्त बैंक के खातो में करोड़ो रुपयों कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई जिसमें से मुझे भी उन पैसों का हिस्सा प्राप्त हुआ है , मेरे द्वारा उनको बताया गया कि मुझे उनके द्वारा बताई गई किसी भी जानकारी के बारे में कुछ नहीं पता है जिसके बाद उन्होनें मुझसे कहा कि लोगो कि जानकारीयों का गलत इस्तेमाल क्रिमिनल्स के द्वारा किया जाता है यदि आप कॉपरेट करते हो तो हम आपको आपकी निर्दोष साबित करने में मदद करेगें, मुझसे मेरे अकाउंट का बैलेंस पुछा गया और मुझसे कहा गया कि, हमारे RBI के अधिकारी आपके इन पैसों का विश्लेषण करेंगे और मेरे द्वारा उनके दिये हुये खाता से कुल 3 लाख 7 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये, और उसके कुछ समय बाद उन्होने कॉल नहीं उठाया, इस प्रकार मेरे साथ धोखाधड़ी की गई जिसकी शिकायत NCRP पोर्टल 1930 पर की गई है।

 

आवेदक ने बड़ी मेहनत से यह राशि कमाई थी, ठग द्वारा ठगी गई राशि को एक अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर करते हुए वारदात को अंजाम दिया गया था , जिसमें आवेदक की शिकायत पर क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा संबंधित समस्त बैंक खाते को फ्रीज करके, आवेदक से ठगी राशि 3 लाख 7 हजार रुपये रिफंड कराए गए।

 

आवेदक को अपनी मेहनत से कमाई गई राशि वापस मिलने पर कार्यालय अपराध शाखा में उपस्थित होकर रिफंड कराई गई राशि के लिए धन्यवाद दिया गया।

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