हमारा लक्ष्य:- सुगम, सुरक्षित, सुखद यातायात
- एसीपी, श्री मनोज खत्री ने छात्र-छात्राओं को यातायात नियमो की जानकारी दी।
आज दिनांक 30 जनवरी 2025 को यातायात प्रबंधन पुलिस,महानगर इंदौर द्वारा चोइथराम इंटरनेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल में 800 छात्र-छात्राओं व स्कूल बस के चालक/परिचालकों के लिए यातायात जागरूकता कार्यशाला का आयोजन रखा गया। जिसमें पुलिस उपायुक्त, यातायात प्रबंधन महानगर इंदौर श्री अरविंद तिवारी के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस आयुक्त श्री मनोज कुमार खत्री द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई।
बस चालक परिचालकों को सहायक पुलिस आयुक्त श्री मनोज कुमार खत्री द्वारा सुरक्षित वाहन चलाने के लिए विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई जैसे अच्छे वाहन चालकों के गुण, सुरक्षित वाहन चलाने के टिप्स, स्कूल बसो के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश, आपातकालीन स्थिति में बस चालक द्वारा रखी जाने वाली सावधानीया आदि जानकारी फोटो एवं वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गयी। इस दौरान माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूल प्रबंधन / बस चालकों एवं संचालकों के लिये जारी दिशा-निर्देश
- स्कूली वाहनों का रंग पीला होना अनिवार्य है, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी में स्कूल का नाम व फोन नंबर लिखा होना चाहियें।
2 . – स्पीड गर्वनर अनिवार्य हो, इसे समय-समय पर चेक कराते रहें।
3.- बसों की कांच की खिड़कियों के बाहर लोहे की जाली इस प्रकार होना चाहियें कि छात्र / छात्राओं के शरीर का कोई भी अंग बाहर न निकलें।
4- स्कूली वाहन में जीपीएस हमेशा चालू हालत में होना चाहियें।
- – स्कूली वाहन में अग्निशम यंत्र की व्यवस्था होना चाहियें।
- – वाहन में फर्स्ट एड बाक्स होना चाहियें।
7.-बसों के दरवाजें को अंदर से बंद करने की व्यवस्था होनी चाहियें।
8.- बस में एमरजेंसी गेट होना चाहियें। और ये एमरजेंसी गेट बाधा रहित होना चाहियें।
9.- बसों की फिटनेस हमेशा अच्छी हालत में हो जैसे उसकी स्टेयरिंग, ब्रेक, क्लच, एक्सीलेटर, हेडलाईट, इन्डीगेटर, वायपर, आदि हमेशा बेहतर स्थिति में हो यह समय-समय पर अधिकृत सर्विस सेंटर से समय-समय पर नियमित रुप से चेक कराते रहें।
यातायात प्रबंधन पुलिस ने चालक परिचालकों को बताया कि इस कार्यशाला का मकसद छात्र-छात्राओं एवं बस चालको को यातायात के मूलभूत नियमों से अवगत करवाना है, इनका जिम्मेदारी पूर्वक पालन करेंगे तो सड़क हादसों में काफी कमी आएगी। बस चालक मानसिक स्वास्थ्य का जरूर ध्यान रखें, यदि आप मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है, और वाहन चलाते हैं तो स्टेयरिंग से आपका संतुलन हट जाता है और दुर्घटनाएं घटित हो जाती है। इसलिए समय-समय पर स्कूलों को चाहिए कि वह अपने चालक/परिचालक की समस्याओं को सुनें और उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर उपाय करें।
कृपया जिम्मेदार नागरिक बनें, यातायात के नियमों का पालन कर, सावधानी पूर्वक वाहन चलाएं, स्वयं सुरक्षित रहें व दूसरों को भी सुरक्षित रखें