• अवैधानिक तरीके से बाल श्रम व भिक्षावृति आदि हेतु मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के विभिन्न प्रावधानों व प्रयासों पर हुई परिचर्चा।

 

इंदौर – दिनांक 30 जुलाई 2024- वर्तमान परिदृश्य में मानव दुर्व्यापार जैसे घृणित अपराध की रोकथाम हेतु पुलिस मुख्यालय भोपाल के दिशा निर्देशन मे मानव तस्करी के अपराधों पर अंकुश लगाने  व इसके लिये बनाये गये कानूनी प्रावधानों व शासन की योजनाओं के संबंध में चर्चा हेतु, आज दिनांक 30 जूलाई 2024 को मानव तस्करी के विरुध्द विश्व दिवस के उपलक्ष्य मे पुलिस आयुक्त कार्यालय पलासिया  स्थित सभागृह मे पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री राकेश गुप्ता की विशेष उपस्थिति मे मानव तस्करी एवं श्रम हेतु तस्करी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला में  मानव दुर्व्यापार के तरीकों, इसके कारणों व इससे संबंधित अपराधों के निराकरण हेतु कानूनी प्रावधानों एवं समय-समय पर माननीय न्यायालय एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किये जाने वाले दिशा-निर्देशों के बारे में बताया गया साथ ही इन अपराधों की विवेचनाओं में ध्यान रखने वाली बातें एवं महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये गये।

 

कार्यक्रम के दौरान अति पुलिस आयुक्त (मुख्यालय/अपराध) श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव, अति पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) श्री अमित सिंह, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) श्री जगदीश डावर, पुलिस उपायुक्त जोन-2 श्री अभिनव विश्वकर्मा, पुलिस उपायुक्त जोन-4 श्री ऋषिकेश मीणा, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (महिला सुरक्षा शाखा) पुलिस मुख्यालय भोपाल सुश्री डॉ.किरणलता केरकेट्टा,  श्री महंतेश माधले (JSS डिवीज़न हेड मध्य प्रदेश),  सुश्री मेरी प्रथिमा(रegional specialist, capacity building justice solutions, South Asia),  सुश्री आशा राहटकर(state lead Aftercare), नगरीय इंदौर के अति पुलिस उपायुक्तगण, सहायक पुलिस आयुक्तगण, महिला एवं बाल विकास के पदाधिकारीगण, सामाजिक न्याय विभाग, आजीविका मिशन के पदाधिकारीगण एवं शहर के थानो के ऊर्जा डेस्क प्रभारी,  बाल कल्याण अधिकारीगण सहित अन्य पुलिस अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन अति पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) श्रीमती सीमा अलावा द्वारा करते हुए कार्यशाला के विषय के बारे मे अवगत कराते हुए, क्रार्यक्रम मे पधारे अतिथिगणों का स्वागत भाषाण से अभिवादन किया गया।

इस अवसर पर एआईजी (महिला सुरक्षा) डॉ किरणलता केरकेट्टा द्वारा बताया कि मानव तस्करी एक बहुत पुराना अपराध है जो कि कई देशो मे फैला हुआ है। जिसमे पहले से आज के समय मे इस तरह के अपराधों मे 37 प्रतिशत की बढोतरी आई है। इस तरह के अपराधों मे कमी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है तथा कई संगठनों का गठन भी किया गया है। मानव तस्करों द्वारा लोगो की सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक स्थिति का लाभ उठाकर उन्हे कई तरह के प्रलोभन देकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर उनसे बधुआ मजदुरी, भिक्षावृत्ती, यौन उत्पीडन, वेश्यावृत्ती जैसे अपराध करवाये जाते है। लोगो मे यह आम धारणा बन चुकी है कि मानव तस्करी एक देशो से दूसरे देशो मे की जाती है लेकिन यह स्थानीय स्तर पर भी होती है। समाज के इस घृणित अपराध पर अंकुश लगाने व इनमें लिप्त मानव तस्करो के विरुध्द कार्यवाही में पुलिस की अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे हमे अन्य विभागों से भी समन्वय स्थापित कर पूरे प्रयासों से निभाना है।

कार्यक्रम के दौरान पुलिस कमिश्नर श्री राकेश गुप्ता ने कहा कि, मानव तस्करी एक संगठित और गंभीर अपराध है। यह गंभीर अपराध आज हमारे समाज को चुनौती दे रहा है। इस अपराध को रोकने के लिए पुलिस के साथ-साथ समाज की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इसलिये हमें अपराधों पर कानूनी प्रावधानों के तहत कार्यवाही के साथ-साथ इसके संबंध में समाज में जन-जागरूकता लाने के भी प्रयास निरंतर रूप से करना चाहिये। इस दौरान उन्होंनें सभी को मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्यवाही हेतु शपथ भी दिलाई गई।

कार्यक्रम के दौरान अतिथि विशेषज्ञों ने मानव एक्टीविटी को प्रजेंटेशन के माध्यम से मानव तस्करी के कारणों व इनके रोकथाम के उपायों के बारे मे बताया। मानव तस्तरी के प्रमुख कारण सामाजिक, आर्थिक, बेरोजगारी व अशिक्षा है।  मानव तस्कर मनुष्य की आशाओं और आकांक्षाओं का लाभ उठाते हैं। वे कमजोर पर घात लगाते हैं और फिर उनके मूलभूत अधिकारों का हरण कर लेते हैं। बच्चें, युवा, प्रवासी और शरणार्थी खास तौर से इनके प्रभाव में आ जाते हैं और ये ही लोग इन अपराधियों के आसान शिकार होतें है। यह गंभीर अपराध आज हमारे समाज के लिए घातक बनता जा रहा है, जिसका पुलिस के साथ साथ हम सभी को मिलकर ही लड़ना पड़ेगा तब ही इस पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं।

कार्यशाला में आएं अतिथियों का स्वागत, पौधा व मोमेंटो देकर किया गया तथा अंत मे सभी का आभार अति पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) श्रीमती प्रियंका डुडवे द्वारा व्यक्त किया गया।

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