▪️ पुलिस अधिकारीगण हुए, किशोर न्याय अधिनियम- 2015 एवं पॉक्सो एक्ट के विभिन्न प्रावधानों से रूबरू।
इन्दौर- महिला अपराधों व जनकी सुरक्षा तथा बाल अपराध निवारण व उनकी सुरक्षा एवं देखभाल और उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाएं संचालित की जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह के मार्गदर्शन में इन्दौर पुलिस द्वारा महिलाओं व बाल अपराधों की रोकथाम एवं संरक्षण तथा इससे संबंधित जागरूकता लाने हेतु समय-समय पर कार्यशाला व अन्य विभिन्न कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में आज दिनांक 16.10.25 को महिला बाल विकास, बाल श्रम विभाग, बाल किशोर इकाई, चाइल्ड वेलफेयर समिति आदि संस्थाओं के सहयोग से इन्दौर पुलिस द्वारा इंदौर जिले के विभिन्न थानों की ऊर्जा डेस्क प्रभारी, बाल कल्याण अधिकारीगण, विशेष बाल किशोर इकाई व पुलिस अधिकारियों के लिये एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन रीगल चौराहे स्थित रानी सराय पुलिस कार्यालय के मीटिंग हॉल में किया गया।
उक्त कार्यशाला मे अति. पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) इंदौर श्री अमित सिंह, एडीजे श्रीमती नौशीन खान, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) श्री प्रकाश परिहार, श्री धर्मेन्द्र पंड्या (अध्यक्ष) चाइल्ड वेलफेयर कमिटी, श्री माधव हसनी सीएचएमओ, श्रीमती मेघना भट्ट अस्सिटेंट लेबर कमिश्नर, श्री मनीष दुबे (सदस्य JJ बोर्ड), सुश्री एकता शर्मा (Chief Advocate DALSA), श्रीमती अर्चना सहाय आरंभ संस्था, अति. पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा शाखा) सुश्री संध्या राय सहित जिला इन्दौर के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, महिला बाल विकास के पदाधिकारी, अन्य संस्थाओं के सदस्य, विभिन्न थानों की ऊर्जा डेस्क प्रभारी महिला पुलिस अधिकारीगण तथा अन्य पुलिस के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
कार्यशाला की शुरूआत करते हुए अति.पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा द्वारा कार्यशाला के विषय व रूपरेखा के बारें में विस्तृत रूप से बताते हुए, बच्चों के हितो के लिये कार्यरत् संस्थाओं व विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारें में परिचयात्मक जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर अति. पुलिस आयुक्त श्री अमित सिंह द्वारा वर्तमान परिदृश्य में समाज में विभिन्न कारणों से कई विकृतियां आ रही है, जिसका सीधा असर हमारे इन नौनिहालों पर पड़ता है। अतः इन विकारों से इन बच्चों को बचाते हुए, इनके हितों की रक्षा एवं इनका संरक्षण हम सभी का सर्वप्रथम नैतिक कर्तव्य हैं, जिसमें समाज के सभी वर्गो के साथ पुलिस/प्रशासन व न्यायपालिका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी को बालक/बालिकाओं के लिये जे.जे. एक्ट, पॉस्को एक्ट में जो प्रावधान है, उनका ध्यान रखते हुए अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए, आवश्यक कार्यवाही करने के लिये सभी को प्रयासरत् रहना चाहिए, कहा गया।
एडीजे श्रीमती नौशीन खान द्वारा पीड़ित बालक/बालिकाओं के लिये विधिक प्राधिकरण द्वारा क्या-क्या विधिक सहायता एवं राहत उपलब्ध करवायी जाती है, इस संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। पॉक्सो एक्ट व जे.जे. एक्ट के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए, इनके क्रियान्वयन में पुलिस व प्रशासन की भूमिका के संबंध में चर्चा की गयी।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा सभी को बाल अपराध की रोकथाम एवं उनके निवारण हेतु कानूनी प्रावधान जे.जे. एक्ट, पॉक्सो एक्ट आदि के बारें में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए कहा कि, बच्चें अपराधिक जगत में प्रवेश न करे व उनके साथ कोई अपराध हो तो हम क्या करें व क्या नहीं, ये ही हमें इन बच्चों के लिये बनाये गये नये कानून सिखाते है। अतः हमें सर्वप्रथम बच्चों के संरक्षण के लिये, उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है। साथ ही महिलाओं व बच्चों के संरक्षण हेतु शासन की विभिन्न योजनाओं आदि की जानकारी और उनके शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर दिए प्रावधानों पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
इस दौरान कार्यशाला में आये प्रशिक्षणार्थी द्वारा उपस्थित अतिथियों से बाल अपराध निवारण व उनके संरक्षण के दौरान दैनिक कार्य में आने वाली विधिक परेशानियों के समाधान के संबंध में भी चर्चा कर अपनी जिज्ञासाओं का शमन किया।