- बैंक द्वारा ऑथराइज्ड डिफॉल्टर क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट रिकवरी एजेंसी के नाम पर व निवेश के नाम पर की थी ठगी।
- प्रारंभ में कुछ लाभ देकर किया विश्वास हासिल, फिर लगा दी लाखों रुपयों की चपत।
इंदौर कमिश्नरेट में लोगो से छल कपट कर आर्थिक ठगी करने वाले आरोपियों के विरूद्ध त्वरित कार्यवाही के निर्देश पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के तहत क्राइम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को शिकायतो पर त्वरित कार्यवाही हेतु लगाया गया है।
इसी अनुक्रम में क्राइम ब्रांच, इंदौर की EOW टीम द्वारा ऑनलाइन ठगी एवं आर्थिक अपराधों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक ऐसे शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिसने स्वयं को बैंक की रिकवरी एजेंसी का सुपरवाइज़र बताकर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी।
गिरफ्तार आरोपी का नाम –
सुमेश शर्मा निवासी स्कीम नं. 78, , इंदौर
अभियुक्त सुमेश शर्मा ने स्वयं को RBL Bank एवं IndusInd Bank की रिकवरी एजेंसियों में सुपरवाइज़र बताकर, पीड़ितों को 1. महेश यादव , 2. दीपक यादव , 3. प्रतीक जटाले 4. रानू सोलंकी, 5. योगेन्द्र सिंह पूनिया को
क्रेडिट कार्ड रोटेशन और फंडिंग स्कीम के नाम पर निवेश करवाने हेतु प्रलोभित किया।
अभियुक्त ने इस योजना के अंतर्गत पीड़ितों से नकद, UPI, एवं क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के माध्यम से लगभग ₹32 लाख से अधिक की राशि प्राप्त की, और प्रारंभ में कुछ लाभ देकर विश्वास हासिल करने के बाद संपूर्ण राशि हड़प ली।
अभियुक्त द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म (जैसे Kinsen, Dhanhind, RAjhavir, Jvmpay आदि) में किया गया तथा धनराशि को अपने और परिजनों के खातों में ट्रांसफर किया गया।
कुल अनुमानित राशि – ₹30,00,000/- से अधिक।
आरोपी सोमेश शर्मा को क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा तकनीकी साक्ष्यों एवं साइबर टीम के माध्यम से चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया।
~ आरोपी से पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि वह अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर यह ठगी कर रहा था।
~ आरोपी के पास से मोबाइल फोन, बैंक पासबुक, चेकबुक, एवं फर्जी एजेंसी के दस्तावेज़ के संबंध में पूछताछ जारी हैं। प्रकरण में धारा 318(4), 316(2), भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया है, जिसमें विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं।
आरोपी से पूछताछ में और भी ठगी की घटनाओं के खुलासे की संभावना है। अभियुक्त से पुलिस रिमांड लेकर उसके सहयोगियों, बैंक खातों व डिजिटल नेटवर्क की जाँच की जा रही है।
उक्त कार्यवाही में क्राइम ब्रांच इंदौर की EOW इन्वेस्टिगेशन टीम का विशेष योगदान रहा।
अपील
नागरिकों से अपील है कि अज्ञात व्यक्तियों या फर्जी एजेंसियों के कहने पर किसी भी प्रकार का निवेश या बैंकिंग ट्रांजैक्शन न करें, और किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना
▪️तत्काल सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in pr शिकायत दर्ज करे।
▪️इंदौर पुलिस की सायबर हेल्पलाइन नंबर 7049124445 पर संपर्क करे।
क्राइम ब्रांच , इंदौर पुलिस कमिश्नरेट