• गिरोह के सदस्य आपराधिक षडयंत्र रचकर कर रहे थे संगठित अपराध ।
  • गिरोह द्वारा वाहन को ज्यादा धनराशि पर किराये देने का प्रलोभन देकर एग्रीमेन्ट कर दूसरे राज्यों में ले जाते थे जहाँ पर अन्यत्र व्यक्ति/फर्म को विक्रय/गिरवीं कर देते थे।
  • पुलिस ने, गिरोह के द्वारा दूसरे राज्य महाराष्ट्र व गुजरात में अन्यत्र व्यक्ति/फर्म को विक्रय/गिरवी रखी गई कुल 11 चार पहिया वाहन कीमती डेढ (5) करोड रुपये कीमत की बरामद की गई हैं।
  • गिरोह का मुखिया वाहनों को ऐसे व्यक्तियों को विक्रय/गिरवी करता था, जो बिना दस्तावेजों के अपने शौक पूरे करने हेतु वाहन ले लेते हैं ।
  • नवीन कानून भारतीय न्याय संहिता की अवधारणा को यथार्थ करते हुए गिरोह के द्वारा किये जा रहे अपराध को संगठित अपराध मानते हुए तदानुसार की जा रही हैं कार्यवाही ।

 

इन्दौर शहर में वाहनों को अवैध रूप से किराया/ एग्रीमेन्ट कर अन्यत्र बिक्री, गिरवीं व खुर्दबुर्द करने वाले प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही किये जाने के निर्देश  पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा दिए गए हैं। जिसके तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री अमित सिंह व पुलिस उपायुक्त जोन-01 श्री विनोद कुमार मीना जी द्वारा अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-01 श्री आलोक कुमार शर्मा व सहायक पुलिस आयुक्त गांधीनगर श्रीमती रुबीना मिजबानी को निर्देशित किया गया था ।  जिनके द्वारा निर्देशों के अनुपालन में थाना स्तर पर थाना प्रभारी निरीक्षक श्री अनिल यादव के नेतृत्व में टीम का गठन कर कार्यवाही करने हेतु पाबंद किया गया था

 

गठित टीम के द्वारा थाना गांधीनगर पर ऐसी शिकायतों का विश्लेषण कर 08 फरियादीगणों की शिकायत को चिन्हित किया गया जिसमें पाया गया कि उक्त 08 फरियादीगणों से एक ही व्यक्ति/फर्म के नाम से किराया एग्रीमेन्ट कर महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्य ले जाया गया है तथा पिछले कई महिनों से ना ही किराया दिया जा रहा है ना ही वाहन को वापस सुपुर्द किया जा रहा है। जिस संबंध में टीम के द्वारा प्राथमिक जाँच की गई जिसमें पाया गया कि संबंधित व्यक्ति एक गिरोह का सदस्य है जो कि आमजनों से किराया एग्रीमेन्ट कर वाहन को ले जाता है एवं महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्यों में ऐसे व्यक्तियों को जो बिना दस्तावेजों के अपने शौक पूरे करने हेतु वाहन ले लेते हैं उन्हें या तो विक्रय या तो गिरवीं कर दिया जाता है ।इस प्रकार अवैध रुप से धनलाभ कमाया जा रहा है जिस संबंध में थाना गाँधीनगर पर अपराध  पंजीबद्ध किया गया तदुपरांत टीम के द्वारा तकनिकी आधार पर निगरानी रखते हुए गिरोह के मुखिया पर नजर रखी गई एवं सूरत (गुजरात राज्य) में जाकर दबिश दी गई जिसमें गिरोह के मुखिया सचिन सिंह सिसौदिया  निवासी- पेन्शनपुरा महू जिला इन्दौर को गिरफ्तार किया गया ।

बाद उक्त आरोपी सचिन सिंह की स्वंय व निशांदेही से मुंबई, टीटवाला- कल्याण व ठाणे में गिरोह के अन्य सदस्यों के परिसर से कुल 11 वाहन कीमती करीबन डेढ (1.5 करोड) रुपये की जप्त कर थाना गांधीनगर पर सुरक्षित रुप से लाई गई हैं।

प्रकरण में गिरोह के मुख्य आरोपी सचिन सिंह सिसौदिया  निवासी- पेन्शनपुरा महू जिला इन्दौर को गिरफ्तार कर सम्पूर्ण आपराधिक कार्यप्रणाली के संबंध में पूछताछ की जा रही है तथा गिरोह के शेष आरोपीगणों के विरुद्ध भी नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की गई है।

 

आरोपियों  के नाम-

 

  1. सचिन सिंह सिसौदिया  निवासी- जिला इन्दौर (मुखिया) (कब्जे से 04 वाहन)
  2. अरकान शेख निवासी- एनटीडीसी रोड, गणपति मंदिर के पास, टीटवाला, कल्याण, महराष्ट्रा। (कब्जे से 02- वाहन)
  3. विशाल मिरकुटे  निवासी-दाहागाँव, वाहोली, कल्याण, ठाणे, महाराष्ट्रा । (कब्जे से 02 वाहन)
  4. अविनाश यादव  निवासी-टीटवाला, कल्याण, ठाणे, महाराष्ट्रा। (कब्जे से 02 वाहन)
  5. विकास पंवार निवासी-रुंदे, कल्याण, महाराष्ट्रा। (01 वाहन)

 

आरोपियों से जप्त हुए चार पहिया वाहनों की जानकारी-कुल 11

 

  1. हुंडई ऑरा—वन,,2. महिंद्रा बोलेरो- एक, 3. मारुति स्विफ्ट- एक, 4. स्विफ्ट डीजीरे—पाँच, 5- मारुति अर्टिगा— एक, 6-महिंद्र सुव-500— एक, 7-हुंडई ऑरा-वन

 

पुलिस टीम- उक्त सराहनीय कार्यवाही में सहायक पुलिस आयुक्त गांधीनगर इन्दौर श्रीमती रुबीना मिजबानी के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी गांधीनगर श्री अनिल यादव व टीम के उ.नि. योगश राज, स.उ.नि. भगवंत गुर्जर, आर.1786 सुधीर शर्मा, आर.2678 श्याम सुंदर तथा सायबर सेल जोन-01 इन्दौर के आर.3791 अमित खत्री, आर.-2442 गोवर्धन बघेल व आर. 4051 प्रशांत मण्डलोई एवं आर.293 हेमन्त चौहान की महत्वपूर्ण व उल्लेखनीय भूमिका रही।

 

-:एडवाईजरीः-

 

अधिकांशतः पाया जा रहा है कि कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के द्वारा आमजनों को उनके वाहन को सामान्य से अधिक राशि मे किराये से लेने का प्रलोभन दिया जाता है जिसकारण आमजन अपने वाहन को एग्रीमेन्ट के माध्यम से वाहन को दस्तावेज सहित अनजान व अनाधिकृत व्यक्ति को सौंप दे देते हैं जो कि कुछ समय बाद किराये के साथ साथ उनके वाहन को अन्य किसी को य तो बिक्री कर देता है या फिर गिरवी रख देता है इस प्रकार से आमजनों के साथ धोखाधडी की शिकायतें बढ़ रही हैं।

 

अतः आमजनों से अपील है कि जाती है कि वह किसी भी अनजान/अनाधिकृत व्यक्ति को अपना वाहन एग्रीमेन्ट करके किराये पर दस्तावेज सहित प्रदाय ना करें ना ही इस प्रकार के व्यवसाय में पडे ना ही किसी प्रकार से प्रोत्साहन देवें एवं स्वंय भी मूल मालिक की स्वीकृति व दस्तावेजों के आधार पर एवं मोटर व्हीकल अधिनियम/नियमों का पालन करते हुए ही अन्य व्यक्ति/फर्म के वाहन को उपयोग हेतु लेवें।

 

आमजनों से यह भी अनुरोध है कि यदि उनके संज्ञान में आता है कि कोई व्यक्ति/फर्म अवैधानिक रुप से वाहनों को एग्रीमेन्ट कर किराये पर ले रहे हैं अथवा कोई संदिग्ध इस प्रकार के व्यवसाय में संलिप्पत है तो तत्काल पुलिस को सूचित करने का कष्ट करें, पुलिस के द्वारा उक्त संबंध में सत्यापन किया जावेगा तथा कोई आपराधिक कृत्य संज्ञान आता है तो वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी तथा वाहन मालिक यथासंभव अपने वाहन में जी.पी.एस. सिस्टम भी लगावायें तथा उक्त संबंध में स्वंय जागरुक रहें व अन्य को भी जागरुक बनायें।

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