• Honest Technology एडवाइजरी कंपनी के नाम से मेदांता हॉस्पिटल के पास स्थित कृष्णा बिजनेस सेंटर के फ्लैट से संचालित की जा रही थी, फर्जी एडवाइजरी कंपनी।

 

  • आरोपी ठगी की राशि प्राप्त करने के लिए 10% कमीशन पर लिए थे बैंक खाते।

 

  • zoiper सॉफ्टवेयर के माध्यम से वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर एवं फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर ग्राहकों को ठगने के लिए करते थे कॉल।

 

  • क्राइम ब्रांच इंदौर में प्राप्त शिकायत में फरियादी से आरोपियों के द्वारा शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट कर कई गुना मुनाफा देने के नाम से झूठ बोलकर झांसे में लेते हुए प्राप्त किए थे रुपए।

 

  • ठग गैंग के द्वारा स्वयं को SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी बताकर, अवैध रूप से लोगों का डीमैट अकाउंट का करते थे संचालित।

 

  • ठग गैंग लोगों से रूपए इन्वेस्टमेंट के नाम से प्राप्त कर, ट्रेडिंग में न तो रूपए इन्वेस्ट किए जाते थे और न ही रूपए को वापस करते थे।

 

  • क्राइम ब्रांच की कार्यवाही में धोखाधडी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर के मालिक, पार्टनर, मैनेजर कुल 04 आरोपियों को किया गिरफ्तार।

 

  • आरोपियों के कब्जे से 18 मोबाइल , 06 लैपटॉप, 02 सीपीयू , फर्जी सिमकार्ड आदि जप्त।

 

इंदौर शहर में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले अपराधियों के विरुद्ध वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में क्राइम ब्रांच इंदौर के द्वारा प्रभावी कार्यवाही लगातार की जा रही है।

इसी अनुक्रम में कार्यालय अपराध शाखा टीम मेदांता हॉस्पिटल के पास स्थित कृष्णा बिजनेस सेंटर फ्लैट न. 408 में संचालित Honest Technology एडवायजरी कंपनी से SEBI का रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी लेते, उक्त कंपनी के पास  कोई वैध रजिस्ट्रेशन नहीं होना बताया, जिस पर क्राईम ब्रांच के द्वारा उक्त स्थान पर उपस्थित मालिक अमित खंडूजा, पार्टनर राहुल चौधरी, महिपाल सिंह, मैनेजर सूरज मालवीय से ट्रेडिंग में उपयोग में लाए गए उपकरण मोबाइल, सीपीयू , फर्जी सिमकार्ड जब्त कर कार्यवाही की गई।

 

उक्त जांच के दौरान ही जिला धार तहसील बदनावर के आवेदक ऋषभ ने अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई कि Honest Technology शेयर एडवाइजरी कंपनी के द्वारा आवेदक को कॉल पर बताया कि वह SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी है और आप हमारे माध्यम से शेयर मार्केट में निवेश करो तो हम आपको बड़ा मुनाफा कमाकर देंगे, जिसपर भरोसा करके आवेदक ने   QR कोड एवं UPI के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट इन्वेस्टमेंट के रूप में दिया, जिसमें होनेस्ट शेयर एडवाइजरी कंपनी वाले बताते थे कि कितना मुनाफा हुआ है और इसी झांसे में और रूपए इन्वेस्ट करवाते थे, जब अच्छा मुनाफा होकर राशि वापस मांगी गई तो राशि वापस देने में आनाकानी करने लगे और मोबाइल संपर्क नंबर बंद कर करके मेरे साथ धोखाधड़ी की गई।

 

जिसपर क्राईम ब्रांच के द्वारा कार्यवाही कर  तकनीकी जानकारी निकालकर आरोपी मालिक (1).अमित खंडूजा निवासी परदेशीपुरा इंदौर, पार्टनर (2).राहुल चौधरी निवासी देवास व (3).महिपाल सिंह निवासी देवास एवं मैनेजर (4).सूरज मालवीय निवासी इंदौर को गिरफ्तार किया गया।

 

आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ एवं आरोपियों के कब्जे से जब्त 18 मोबाइल , 06 लैपटॉप, 02 सीपीयू, फर्जी सिमकार्ड के माध्यम से प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ कि आरोपी अमित MBA किया हुआ जो पहले प्राइवेट जॉब करता , आरोपी राहुल BE इंजीनियर है, आरोपी महिपाल 12th पास है एवं आरोपी सूरज B.com पास है जो पहले एडवाइजरी कंपनी में जॉब करता था।, उक्त सभी आरोपियों के द्वारा योजना बनाकर फर्जी Honest Technology एडवाइजरी कंपनी शुरू की ओर आरोपियों के द्वारा 1 वर्ष में लगभग 800 लोगों से ठगी करने हेतु संपर्क किया गया था, जिसमें आरोपियों के द्वारा ग्राहकों से इनवेस्टमेंट के रूप में प्राप्त रुपयों को अपने बैंक खातों में प्राप्त न करते हुए 10 % कमीशन देकर अन्य लोगों के फर्जी बैंक खाते लिए गए, साथ ही zoiper सॉफ्टवेयर के माध्यम से वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर एवं फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर ग्राहकों को कॉल करते थे, जिससे लोगों के पास आरोपियों  के निजी कॉन्टैक्ट नंबर न पहुँचें एवं कई लोगों को Algo ट्रेडिंग या डिमेट संचालन आदि के नाम से ठगना भी स्वीकार किया है। आरोपियों के द्वारा ज्यादातर दूसरे जिले या राज्य के लोगों को टारगेट किया जाता था ताकि वह संपर्क न कर सकें, इस प्रकार आरोपियों के द्वारा बताए सभी तथ्यों की जांच क्राईम ब्रांच के द्वारा की जा रही है।

 

उक्त चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर विस्तृत पूछताछ करते हुए अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है जिसमें कई खुलासे होने की संभावना है।

 

👉 फर्जी शेयर एडवाइजरी की ठगी से बचने हेतु इंदौर पुलिस की इस एडवाइजरी को हमेशा रखें ध्यान :–

★ किसी भी शेयर एडवाइजरी कंपनी या सलाहकार से कॉल्स टीप लेने के पहले SEBI के नियमों की पूरी जानकारी रखे।

★ संबंधित कम्पनी का रिसर्चर सेबी रजिस्टर्ड NISM सर्टिफाइड है की नहीं इसकी जांच जरूर करें।

★ सोशल मीडिया एवं गूगल पर संबंधित कंपनी के रिव्यू अवश्य चेक करें।

★ शेयर बाजार में अधिक मुनाफे के लालच कभी भी अपना ट्रेडिंग डीमैट अकाउंट डिटेल्स किसी से साझा न करें।

★ अज्ञात व्यक्ति के द्वारा शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट कर कई गुना मुनाफा देने के झूठे वादों पर कभी भी विश्वास न करें।

★ अपनी निजी एवं बैंकिंग जानकारी किसी से साझा न करें।

★ शेयर मार्केट एडवाइजरी संबंधित किसी भी प्रकार की ठगी होने पर तत्काल अपने नजदीकी पुलिस को शिकायत करें।

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