- पुलिस अधिकारियों ने प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के विभिन्न प्रावधानों के साथ ही जानी उनकी न्यायालयीन कार्यप्रणाली
इन्दौर – अपराधों पर नियत्रंण हेतु अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों की अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही तथा इन्दौन कमिश्नरेट में अधिकारियों को प्राप्त मजिस्ट्रिªयल पावर के प्रभावी रूप से क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए, आज दिनांक 07.04.2024 को पलासिया स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सभागार में राजपत्रित पुलिस अधिकारियों के लिये ‘‘प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के संचालन एवं संप्रेषण’’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री राकेश गुप्ता की विशेष उपस्थिति में, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (का./व्य.) नगरीय इंदौर श्री अमित सिंह, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-1 श्री विनोद मीना, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-2 श्री अभिनय विश्वकर्मा, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-3 श्री पंकज पाण्डे, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-4 श्री ऋषिकेश मीना सहित नगरीय क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्तगण व सहायक पुलिस उपायुक्तगण उपिस्थत रहें, जिन्हें अतिथि व्याख्यता मान. 29वें जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इंदौर श्री विजय दांगी, पुलिस उप महानिरीक्षक पी.आर.टी.एस. इंदौर श्री राजेश कुमार सिंह एवं श्री वैष्णव विश्वविघालय इंदौर के डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट की डॉ रितु रॉय ने सभी को ‘‘प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के संचालन एवं संप्रेषण’’ विषय महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की ।
उक्त सेमिनार के अतिथि मान. न्यायाधीश श्री विजय दांगी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने के लिये जो प्रावधान दिये गये है जैसे सीआरपीसी की धारा 151, 110, 107/116, 122 आदि विभिन्न प्रतिबंधात्मक धाराओं की बारिकियों एवं इसमें न्यायालयीन पक्ष की ओर से क्या प्रभावी कार्यवाही की जाए तथा किन बातों का ध्यान रखा जाए आदि के बारें में विस्तृत रूप से समझाया गया साथ ही जो नए दण्ड विधान बनाए गए है उन पर भी चर्चा की गयी।
डीआईजी श्री राजेश कुमार सिंह ने अपने व्याख्यान में सभी पुलिस अधिकारियों को उक्त प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के दौरान क्या व्यवहारिक परेशानियां आती है तथा उनका कैसे समाधान निकाला जावें और इन्दौर कमिश्नरेंट में राजपत्रित अधिकारियों को जो मजिस्ट्रिªयल पावर है उनका बेहतर उपयोग कर, अपराधिक एवं असामाजिक तत्वों के विरूद्ध किस प्रकार प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जावें इस बात पर प्रकाश डाला।
वहीं श्री वैष्णव विश्वविघालय की डॉ. रितु राय ने उक्त पुलिस की कार्यवाही के दौरान किस प्रकार की संप्रेषण कला हो इसके बारें में जानकारी देते हुए बताया कि, बेहतर कम्यूनिकेशन से शातिर अपराधियों एवं सामान्य किस्म के असामाजिक तत्वों के साथ ही आमजनता के साथ हमारा अच्छा व्यवहार प्रदर्शित कर, हम इनसे बेहतर रूप से डील कर सकते है। और उन्होनें बताया कि आप बेहतर कम्यूनिकेशन की विभिन्न टिप्स को ध्यान में रखेगें तो इसके बेहतर परिणाम पाएगें।
पुलिस कमिश्नर इंदौर द्वारा सभी अतिथियों को मोमेंटो देकर स्वागत किया गया तथा उन्होंने जो महत्वपूर्ण जानकारी देने पर उनका आभार व्यक्त कर, सभी पुलिस अधिकारियों को प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के लिए जो जानकारी व ध्यान देने वाली बातें बताई है, उसे अपनी पुलिस की कार्यप्रणाली में अपनाने के लिए सभी को निर्देशित किया गया।
अतिथि व्याख्यताओं द्वारा सभी अधिकारियों को विभिन्न केस स्टडी के माध्यम से की जाने वाली कार्यवाही का प्रेक्टिकल नॉलेज देकर, प्रशिक्षणार्थियों के कई डाउट्स का बड़े ही रोचक ढंग से निराकरण किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन अति. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) श्रीमती सीमा अलावा द्वारा किया गया तथा अंत मे सभी का आभार अति पुलिस आयुक्त श्री अमित सिंह द्वारा किया गया।