• कोरियर सर्विस के माध्यम से मलेशिया देश भेजे जाने वाले पार्सल में MDMA ड्रग्स का झूठ बोलते हुए सीनियर सिटीजन रिटायर्ड प्रोफेसर आवेदक को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 33 लाख रुपए।
  • सीनियर सिटीजन आवेदक की रिटायरमेंट फंड की राशि से पुणे महाराष्ट्र में करवाना था, स्वयं का लीवर ट्रांसप्लांट इलाज।
  • क्राईम ब्रांच के द्वारा फ्रॉड के खाते फ्रिज कर फरियादी के 26 लाख 45 हजार रुपए कराए रिफंड।
  • 26 लाख 45 हजार जैसा बड़ा अमाउंट सकुशल रिफंड होने से संभव हो सका, पुणे (महाराष्ट्र) में लीवर ट्रांसप्लांट इलाज करवाना।
  • आवेदक की शिकायत पर 49 बैंक खातों को किया गया है फ्रीज।
  • फरियादी को दिल्ली सायबर क्राइम पुलिस एवं फर्जी अधिकारी बताकर की ऑनलाइन ठगी।
  • फर्जी डिजिटल अरेस्ट करने के दौरान दिए कई झूठे निर्देश जिसको सच मानकर फरियादी के साथ हुई धोखाधड़ी
  • आवेदक के द्वारा लिखित एवं 1930/NCRP पोर्टल पर दर्ज कराई थी फ्रॉड की शिकायत।

 

इंदौर:–  क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा लगातार ऑनलाइन फ्रॉड के प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है, इसी अनुक्रम में  इंदौर के निवासी एजुकेशन विभाग से रिटायर्ड सीनियर सिटीजन आवेदक मनोज (परवर्तीत नाम) के द्वारा शिकायत की गई थी।

जिसमे सीनियर सिटीजन आवेदक के द्वारा बताया कि मुझे एक अंजान कॉल आया जिसमें कॉलर ने अपना परिचय फेड-एक्स के आधिकारी के रुप में दिया और आवेदक से कहा कि आपके नाम से एक पार्सल दिल्ली से मलेशिया देश कि लिए डिस्पैच हुआ था जिसको दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों के द्वारा रोक लिया गया है , आपके नाम के पार्सल में कुछ ई–लीगल आईटम्स जैसे 36 पासपोर्ट  एंव MDMA ड्रग्स 140 ग्राम आदि सामान मिला है जो कि गैरकानूनी नशीला पदार्थ है  , जिसके जवाब में मेरे द्वारा उनको यह बताया गया कि मेरे द्वारा ऐसा कोई भी पार्सल नहीं भैजा गया है जिसके बाद उन्होनें मुझसे कहा कि मेरा आधार कार्ड पार्सल से लिंक होना पाया गया है ,क्योकिं मेरे द्वारा उन्हे यह आश्वासन दिया गया है कि उन्होने मुझसे कहा कि कोई मेरे आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहा है जिसकि कंप्लेन आपको दिल्ली साईबर क्राईम करनी होगी , उनके द्वारा मुझसे इजाजत लेते हुये मेरे कॉल को दिल्ली साईबर क्राईम में ट्रांसफर कर दिया, जिसके बाद कॉलर नें कॉल उठा कर अपना परिचय मुझे दिल्ली साईबर क्राईम के आधिकारी के रुप में दिया एंव मुझसे मेरी शिकायत के बारे में पूछा जिसके जवाब मेरे द्वारा उन्हो पूरी स्थीति बताई गई, मेरी पूरी स्थिती सुनकर उन्होने मुझे दिल्ली आने को कहा क्योंकि दिल्ली जाना मेरे लिय अभी असंभव था तो उनके द्वारा मुझे मेरी कंपलेन ऑनलाईन करने को कहा जिसके लिए उन्होने मुझे व्हाट्सएप विडियो कॉल पर दर्ज करेंगे जिसके बाद उनके द्वारा व्हाट्सएप पर विडियो कॉल किया गया, कॉल के शुरु होते ही उन्होने अपनी परिचय दिल्ली साईबर क्राईम के अधिकारी के रुप मे दिया एवं इनके द्वारा मुझे मेरा आधार कार्ड का फोटो मांगा जो उन्होने वेरीफाई किया जिसके बाद उन्होने मुझसे कहा कि हम आपका आधार कार्ड चेक कर रहे है , उन्होने मुझसे कहा कि आपका आधार कार्ड कई बैंकों के खातों से लिंक पाया गया है और यह खाता मनी लॉंडरींग के लिए इस्तेमाल किया जाता है एंव उनके द्वारा मुझे बताया गया कि उक्त बैंक के खातो में करोड़ो रुपयों कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई जिसमें से मुझे भी उन पैसों का हिस्सा प्राप्त हुआ है , मेरे द्वारा उनको बताया गया कि मुझे उनके द्वारा बताई गई किसी भी जानकारी के बारे में कुछ नहीं पता है जिसके बाद उन्होनें मुझसे कहा कि लोगो कि जानकारीयों का गलत इस्तेमाल क्रिमिनल्स के द्वारा किया जाता है यदि आप कॉपरेट करती हो तो हम आपको आपकी निर्दोष साबित करने में मदद करेगें, मुझसे मेरे अकाउंट का बैलेंस पुछा गया और मुझसे कहा गया कि   , हमारे RBI के अधिकारी आपके इन पैसों का विश्लेषण करेंगे और  मेरे द्वारा उनके दिये हुये खाता से कुल 33 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये, और उसके कुछ समय बाद उन्होने कॉल नहीं उठाया, इस प्रकार मेरे साथ धोखाधड़ी की गई जिसकी शिकायत NCRP पोर्टल 1930 पर की गई है।

 

आवेदक की पूरी जिंदगी की कमाई जिससे आवेदक पुणे जाकर लिवर ट्रांसप्लांट करवाना चाहता था, ठग द्वारा पूरी राशि थाली गई परन्तु, आवेदक की शिकायत पर क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा 49 बैंक खातों को फ्रिज करके, आवेदक के 26 लाख 45 हजार रुपए तत्काल रिफंड कराए गए एवं शेष राशि को रिफंड कराने की प्रोसेस की जा रही है।

 

आवेदक के द्वारा इतनी बडी राशि पुनः प्राप्त करने स्वयं का इलाज (लीवर ट्रांसप्लांट) पुणे जाकर करवाना संभव हो सका, जिसके लिए आवेदक के द्वारा कार्यालय अपराध शाखा में उपस्थित होकर रिफंड कराई गई राशि के लिए धन्यवाद दिया गया।

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