• प्रकरण में देश के विभिन्न राज्यों से पूर्व के 16 आरोपी सहित अभी तक कुल 17 आरोपी हो चुके है गिरफ्तार।

 

  • महिला फरियादिया के साथ 01 करोड़ 60 लाख रू की हुई थी ऑनलाइन ठगी।

 

  • नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल में ऑनलाइन ठगी के कई गैंग सक्रिय होना, आरोपी ने कबूला।

 

  • डिजिटल अरेस्ट के एक ही प्रकरण में देश– विदेश के कई कनेक्शन निकल रहे है।

 

  • क्राईम ब्रांच इंदौर के द्वारा ऑनलाइन ठग गैंग के विरूद्ध कार्यवाही हेतु स्पेशल टीम का गठन कर, लगातार की जा रही है कार्यवाही।

 

  • अन्य राज्यो कि पुलिस भी लगातार आऱोपीयो के संबध मे क्राईम ब्रांच इंदौर से प्राप्त कर रही है जानकारी

 

  • प्रकरण मे अभी तक 100 से अधिक बैंक खाते फ्रीज किए गए है।

 

 

 

 

Digital Arrest दिनांक –

09-11-2024 से 12-11-2024 तक (04 दिवस तक)

 

फरियादी– इंदौर निवासी 59 वर्षीय महिला

आरोपियों के नाम :-

 

(1). प्रतीक जरीवाला (सुरत,गुजरात),

(2) अभिषेक जरीवाला, (सुरत,गुजरात)

(3). चंद्रभान बंसल(मेहर, म.प्र)

(4). राकेश कुमार बंसल, (मेहर, म.प्र)

(5).विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला खेड़ा (गुजरात),

(6). अल्ताफ कुरैशी निवासी,( जिला आनंद गुजरात)

(7). अभिषेक चक्रवर्ती (कूच बेहर ,पश्चिम बंगाल),

(8) रोहन शाक्य (सीहोर म.प्र)

(9) आयुष राठौर (सिहोर, म.प्र)

(10) निलेश गोरेले (भोपाल, म.प्र)

(11)  अभिषेक त्रिपाठी (भोपाल म.प्र)

(12).मनोज कुमार (श्रावस्ती उ.प्र.),

(13).आगम साहनी (लखनऊ ,उ.प्र.)

(14).गौरव तिवारी (सिवनी, म.प्र)

(15).योगेश पटले (सिवनी, म.प्र)

(16).सुजल सुर्यवंशी (सिवनी, म.प्र)

(17).स्वपन मोदक (नार्थ 24 परगना ,पश्चिम बंगाल)

 

 

 

पूर्व से अभी जब्त माल का विवरण :-

 

17 Mobile,12 passbook ,08 ATM Cards,12 Sim cards,7 Account opening Form

 

घटना का विवरण:-

अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर 59 वर्षीय महिला इंदौर निवासी फरियादिया ने शिकायत की थी कि उन्हें अज्ञात ठग गैंग के द्वारा स्काइप एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर अलग–अलग शासकीय विभाग(CBI,RBI, पुलिस आदि) का अधिकारी बताकर मनीलोंडरिंग केस में जेल जाने का डर बताकर, फरियादी की निजी एवं बैंकिंग जानकारी प्राप्त करते हुए, बैंक अकाउंट, FD , शेयर्स आदि के रुपयों की जांच करने के नाम से ऑनलाइन 1 करोड़ 60 लाख रुपए प्राप्त करके फरियादी के साथ ऑनलाइन ठगी की गई

उक्त शिकायत में क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा अपराध धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5) BNS के तहत् अपराध पंजीबद्ध करके सूरत (गुजरात) एवं मध्यप्रदेश के आरोपीगण (1). प्रतीक जरीवाला (2) अभिषेक जरीवाला, (3). चंद्रभान बंसल(4). राकेश कुमार बंसल,(5).विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला खेड़ा गुजरात, (6). अल्ताफ कुरैशी  निवासी जिला आनंद ,(गुजरात) एवं बांग्लादेश , असम,  बंगाल के बॉर्डर पर स्थित कुच बेहर के आरोपी (7). अभिषेक चक्रवर्ती निवासी कूच बेहर (पश्चिम बंगाल), (8) रोहन शाक्य निवासी सीहोर (9) आयुष राठौर निवासी सिहोर, (10) निलेश गोरेले निवासी भोपाल, (11)  अभिषेक त्रिपाठी निवासी भोपाल(12).मनोज कुमार निवासी श्रावस्ती (उ.प्र.), (13).आगम साहनी निवासी लखनऊ (उ.प्र.) (14).गौरव तिवारी निवासी कुरई जिली सिवनी, (15).योगेश पटले निवासी जिला सिवनी,(16).सुजल सुर्यवंशी निवासी जिला सिवनी को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था।

उक्त फर्जी डिजिटल अरेस्ट प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करते पश्चिम बंगाल के निवासी आरोपी अभिषेक चक्रवर्ती के  आरोपी की तकनीकी जानकारी के आधार पर आरोपी (17).स्वपन मोदक  निवासी नार्थ 24 परगना (पश्चिम बंगाल) को गिरफ्तार किया गया।

प्रारंभिक पूछताछ में खुलासे:-आरोपी स्वपन मोदक पूर्व में प्राइवेट नौकरी करता था और 12वी तक पढ़ा लिखा है और वह लोगों से लोन दिलाने के नाम से संपर्क कर उन्हें रुपयों का लालच देकर बैंक खाता देने के लिए तैयार करता था , बैंक खाता दूसरे राज्य भेजने हेतु खाता धारक के फ्लाइट की टिकट व रहने/ठहरने की होटल आदि सहित समस्त व्यवस्था करने का कार्य करता है। आरोपी को कमीशन 1 से 2 %  (1 लाख रुपए – 1 करोड के ट्रांजेक्शन पर) ।

पूर्व में गिरफ्तार आरोपी अभिषेक चक्रवर्ती जिसे कुच बेहर (पश्चिम बंगाल) से क्राईम ब्रांच इंदौर के गिरफ्तार किया था से आरोपी स्वपन मोदक मिला और उसे अच्छे कमीशन प्रॉफिट का लालच देकर गैंग में शामिल किया, इसी तरह कई लोगों को आरोपी ने अपनी गैंग में शामिल करना कबूला है और गैंग के अन्य सदस्यों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट जैसी कई आनलाईन ठगी को अंजाम देने में सहयोग करना बताया, उक्त प्रकरण में आरोपियों द्वारा पूछताछ मे ऑनलाइन ठग गैंग के सदस्य के रूप में कार्य करना कबूल किया है। क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर प्रकरण में पूछताछ व विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

 

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