सीनियर सिटीजन फरियादिया के साथ 46 लाख रू की हुई थी ऑनलाइन ठगी।
आरोपी गैंग से जुड़े ऑनलाइन ठगी से संबंधित 42 बैंक खातों को, पुलिस के द्वारा किया गया फ्रीज, जिनमें मिले करोड़ों रूपए के ट्रांजैक्शन।
गैंग के सदस्य, कॉल पर स्वयं को पुलिस अधिकारी, CBI अधिकारी, टेलीकॉम रेग्युलेशन अथोरिटी ऑफ इंडिया एवं कस्टम विभाग के अधिकारी होना बताकर फर्जी कूटरचित दस्तावेज भेजकर पुलिस केस में फंसाने का झूठ बोलकर ऑनलाइन पैसे प्राप्त कर, देते थे वारदात को अंजाम।
आरोपी गैंग सदस्यों को ठगी करने के लिए “फलाह दारेन मदरसा समिति” का करंट बैंक अकाउंट, ठगी का 50% पैसा कमिशन लेने के लिए उपलब्ध कराता था।
ठगी मे अन्य गैंग मेंबर्स को खाता उपलब्ध कराने के लिए आरोपी अपने मोबाईल फोन मे Sender नामक एप्लीकेशन एवं चाइना देश का VPN का उपयोग करता पाया गया।
इंदौर पुलिस द्वारा आरोपी का रिमांड प्राप्त कर की जा रही है, विस्तृत पूछताछ ।
इंदौर कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम को लगाया गया था।
इसी अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर 65 वर्षीय वृद्ध महिला इंदौर निवासी फरियादिया ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी की शिकायत की थी जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि दिनांक 11/09/2024 को सुबह मेरे मोबाइल नंबर पर व्हाट्सप्प कॉल आया, जिसने स्वयं को टेलीकॉम रेग्युलेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली हेड ऑफिस से इंक्वायरी ऑफिसर बताया व कहा कि आपके नाम से जिओ कंपनी की एक सिम रजिस्टर्ड है, जिसके माध्यम से इल्लिगल एडवरटाईजिंग और हैरसमेंट का अपराध किया गया है, इसलिये आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है आपके नाम से सारे फोन नंबर एक घंटे के अंदर बंद कर दिये जायेगें और कॉल डिस्कनेक्ट हो गया अन्य मोबाईल नम्बर से कॉल आया और बोला गया कि मै सीबीआई ऑफिसर बोल रहा हूं आपके आधार कार्ड से दर्ज एक पार्सल कम्बोडिया भेजा गया है जो कि कस्टम विभाग में है और उस पर इंक्वायरी चल रही है। आपके नाम की एक पासबुक भी निकली है जिसमें ड्रग्स, आतंकवाद, मनी लांड्रिंग के लिये करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले है आपके खिलाफ हमने वारंट निकाल दिया है जितने भी आपके पास पैसे हैं उसकी जानकारी हमें दीजिये नहीं तो ठीक नहीं होगा आप पर केस चल रहा है, आप सारा पैसा आरटीजीएस के जरिये हमें ट्रांसफर करिये आपने सारी जानकारी नहीं दी तो आपको और आपके बच्चों को जान का खतरा है, हमारे बताये खाते में सारा पैसा ट्रांसफर करो आप लगातार हमारी सर्विलेंस में रहेंगी और कुछ भी काम या किसी से कोई बात करने से पहले हमसे परमिशन लेंगी और इस संबंध मे किसी से भी कोई बातचीत की तो आपके लिये अच्छा नहीं होगा। दिनांक 13/09/2024 को मैने उनके बताये गये ICICI बैंक के खाते में 40,00,000/- रूपये RTGS के माध्यम से ट्रांसफर किये उसके बाद बंधन बैंक के खाते मे 6,00,000/- रूपये RTGS के माध्यम में ट्रांसफर किये। इस प्रकार अज्ञात व्यक्तियों ने मुझसे मेरे 46 लाख रूपये ले लिये, उनके द्वारा फोन पर मुझे ऑडियो एवं वीडियो कॉलिंग के माध्यम से डरा धमका कर घर मे मानसिक तौर पर अरेस्ट रखा गया और हर दस मिनट की जानकारी उनके द्वारा मुझसे ली गयी। उसके बाद मेरे द्वारा क्राइम ब्रांच व NCRP पोर्टल पर भी उपरोक्त घटना की शिकायत की गयी थी।
फरियादी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध धारा 318(4), 308(2), 319(2), 336(3),338, 340(2), 238, 3(5), 61(2) BNS ke तहत् अपराध पंजीबद्ध।
उक्त सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रकरण में विवेचना के दौरान तकनीकी जानकारियों के आधार पर इंदौर क्राईम ब्रांच के द्वारा कन्नौज उत्तरप्रदेश राज्य से मदरसा समिति का प्रबंधक (1).आरोपी अली अहमद खान उम्र 69 निवासी कन्नौज उत्तरप्रदेश, एवं सह–प्रबंधक (2) असद अहमद खान उम्र 36 निवासी कन्नौज उत्तरप्रदेश, को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी द्वारा स्वयं को बी.एड. ग्रेजुएट होकर मूलतः ग्राम सतौरा कन्नौज उत्तरप्रदेश मे मदरसा चलाना अपना व्यवसाय बताते हुए ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग को अपने उक्त मदरसा समिती का बैंक खाता 50 प्रतिशन कमीशन पर उपलब्ध कराने का कार्य करना कबूला है। उक्त फर्जी डिजिटल अरेस्ट प्रकरण में इंदौर क्राइम ब्रांच के द्वारा आरोपी का पुलिस रिमांड प्राप्त कर गैंग के अन्य सदस्यों एवं अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु पूछताछ की जा रही है।