- प्रकरण में देश के विभिन्न राज्यों से पूर्व के 13 आरोपी सहित अभी तक कुल 16 आरोपी हो चुके है गिरफ्तार।
- महिला फरियादिया के साथ 01 करोड़ 60 लाख रू की हुई थी ऑनलाइन ठगी।
- महिला फरियादी से ठगी की वारदात में हुए वीडियो कॉल हेतु उपयोग की गई सिमकार्ड ठग गैंग को, गिरफ्तार आरोपियों के द्वारा सिवनी जिले के ग्रामीण महिला के नाम पर इश्यू कर, उपलब्ध कराई थी।
- आरोपियों के द्वारा Laos देश में कई सिमकार्ड भेजना किया है स्वीकार।
- ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के नाम से सिमकार्ड प्राप्त कर आरोपियों के द्वारा 450 से अधिक सिमकार्ड कराई है ठग गैंग को उपलब्ध।
- डिजिटल अरेस्ट के एक ही प्रकरण में देश– विदेश के कई कनेक्शन निकल रहे है।
- क्राईम ब्रांच इंदौर के द्वारा ऑनलाइन ठग गैंग के विरूद्ध कार्यवाही हेतु स्पेशल टीम का गठन कर, लगातार की जा रही है कार्यवाही।
- इंदौर पुलिस द्वारा आरोपीयो का रिमांड प्राप्त कर की जा रही है विस्तृत पूछताछ, जिसमें कई खुलासे होने की है सम्भावना।
इंदौर कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये ऑनलाइन ठगी करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर की स्पेशल टीम को लगाया गया था।
इसी अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर 59 वर्षीय महिला इंदौर निवासी फरियादिया ने शिकायत की थी कि उन्हें अज्ञात ठग गैंग के द्वारा स्काइप एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर अलग–अलग शासकीय विभाग(CBI,RBI, पुलिस आदि) का अधिकारी बताकर मनीलोंडरिंग केस में जेल जाने का डर बताकर, फरियादी की निजी एवं बैंकिंग जानकारी प्राप्त करते हुए, बैंक अकाउंट, FD , शेयर्स आदि के रुपयों की जांच करने के नाम से ऑनलाइन 1 करोड़ 60 लाख रुपए प्राप्त करके फरियादी के साथ ऑनलाइन ठगी की गई उक्त शिकायत में क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा अपराध धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5) BNS के तहत् अपराध पंजीबद्ध करके सूरत (गुजरात) एवं मध्यप्रदेश के आरोपीगण (1). प्रतीक जरीवाला (2) अभिषेक जरीवाला, (3). चंद्रभान बंसल(4). राकेश कुमार बंसल,(5).विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला गुजरात, (6). अल्ताफ कुरैशी निवासी जिला आनंद ,(गुजरात) एवं बांग्लादेश , असम, बंगाल के बॉर्डर पर स्थित कुच बेहर के आरोपी (7). अभिषेक चक्रवर्ती निवासी कूच बेहर (पश्चिम बंगाल), (8) रोहन शाक्य निवासी सीहोर (9) आयुष राठौर निवासी सिहोर, (10) निलेश गोरेले निवासी भोपाल, (11) अभिषेक त्रिपाठी निवासी भोपाल(12).मनोज कुमार निवासी श्रावस्ती (उ.प्र.), (13).आगम साहनी निवासी लखनऊ (उ.प्र.) को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था।
उक्त फर्जी डिजिटल अरेस्ट प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ एवं अन्य तकनीकी जानकारी के आधार पर आरोपी (14).गौरव तिवारी निवासी कुरई जिली सिवनी, (15).योगेश पटले निवासी जिला सिवनी,(16).सुजल सुर्यवंशी निवासी जिला सिवनी को गिरफ्तार किया गया।
प्रारंभिक पूछताछ में खुलासे:–
गौरव तिवारी जिला सिवनी ने पूछताछ मे बताया कि वह वर्तमान मे पंडिताई एंव कुरई जिला सिवनी की प्राइवेट कंपनी में 02 महीने से सेल्समेन का काम करता है और जिला सिवनी से ही बीकाँम तक पढ़ा लिखा है। इसके पहले 2022-2023 मे मोबाईल एसेसरीज एवं रिपेयरिंग कि दुकान चलाता था, जहां पर आरोपी के द्वारा मोबाईल रिपेयरिंग, फोटोकाँपी, प्रिंट आउट निकालने का काम किया जाता था। जुलाई 2024 मे आरोपी को काम की जरुरत थी तो आरोपी एयरटेल कंपनी मे पीओएस एजेन्ट के रूप में कार्य करने लगा। उसी दौरान साथी आरोपी योगेश ने बताया कि उसको सिम कार्ड कि आवश्यकता है अगर तुम मुझे सिमकार्ड दोगे तो मै तुम्हे एक सिम का 350/- रुपए दूंगा और पैसे के लालच में आकर आरोपी गौरव और योगेश ने जिला सिवनी के कुरई के आसपास वाले ग्रामीण क्षैत्रो मे कैंप लगाकर सिम कार्ड इशु करने का काम शुरु किया । सिम कार्ड इश्यु करवाने के लिए आरोपी के द्वारा ग्राहक का एक बार ई-केवाईसी व दुसरी बार डी-केवाईसी करवाया जाता था, ई-केवाईसी मे सिम कार्ड तुंरत एक्टीव हो जाती था जिसे आरोपी ग्राहक को दे देता था, एंव डी-केवाईसी मे सिम कार्ड कुछ घंटो के बाद एक्टीव होती थी जिसे आरोपी स्वंय रख लेता था, ई-केवाईसी व डी-केवाईसी मे दो नंबर कि सिम कार्ड इश्यु होते थे इसमे ग्राहक को पता नही लगता था कि उसके नाम से कोई दुसरा सिम कार्ड भी चल रहा है। महिला फरियादी को जिस नंबर से ठग गैंग के द्वारा वीडियो कॉल आया था वह सिमकार्ड भी आरोपी गौरव व योगेश ने ही इश्यु करवाया एंव सुजल के माध्यम से ठग को उपलब्ध कराया था एंव आरोपी के द्वारा अपने एंजेट होने के समय मे कुल 450 सिम कार्ड इश्यु आरोपी दोस्त योगेश को दिए, जिसके एवज मे गौरव ने कुल 1 लाख रुपए अपने खाते में ऑनलाइन अलग-अलग दिनांक को प्राप्त करना कबूला।
योगेश पटले जिला सिवनी ने पूछताछ मे बताया कि वर्तमान मे खेती बाडी का काम करता हूँ, छिंदवाडा से बीए 2023 मे उत्तीर्ण किया है। आरोपी पहले आईडिया कंपनी मे प्रमोटर के पद पर कार्य करता था जिस कारण आरोपी की पीओस एजेन्ट एंव सिम कार्ड लेने वाले लोगो से अच्छी पहचान है, करीबन 07 महीने पहले जुलाई 2024 मे ठग गैंग के सदस्य को सिमकार्ड के व्हाट्सअप उपयोग करने के लिए आवश्यकता है, तो आरोपी के द्वारा ठग गैंग से बात कि गई, ठग गैंग के सदस्य ने कहा कि मुझे व्हाट्सअप इस्तेमाल करने के मो.नंबर की जरुरत है तुम मुझे 20 मोबाईल नंबर के वॉट्सएप ओटीपी देदो, जिससे मै व्हाट्सअप के माध्यम से ट्रेडिंग का काम करुंगा, आरोपी के द्वारा 20 मोबाईल नंबर ठग गैंग को ओटीपी के साथ भेजे, उसके कुछ दिनो बाद व्हाट्सअप ब्लाँक होने लगे तो ठग गैंग के सदस्य ने मुझसे 100 सिम कार्ड मांगे और एक सिम कार्ड का 500/- रुपए देने का बोला। मैने अपने आरोपी दोस्त गौरव तिवारी को बताया कि अगर वह 100 सिम कार्ड देगा तो मै तुम्हे 350/- रुपए प्रति सिम कार्ड के दूंगा। जिस पर आरोपी के दोस्त गौरव तिवारी राजी हो गया, लेकिन इतने सिम कार्ड बल्क मे देने के लिए लोगो कि जरुरत थी तो गोरव ने बताया कि वह मैनेज कर लेगा इसके लिए तरीका बताया कि सिम कार्ड इश्यु करवाने के लिए ग्राहक का एक बार ई-केवाईसी व दुसरी बार डी-केवाईसी करवाया जाता था, ई-केवाईसी मे सिम कार्ड तुंरत एक्टीव हो जाती था जिसे ग्राहक को दे दिया जाता था जबकि डी-केवाईसी मे सिम कार्ड कुछ घंटो के बाद एक्टीव होती थी जिसे खुद रख सकते थे, ई- वाईसी व डी-केवाईसी मे दो नंबर कि सिम कार्ड इश्यु होते थे इसमे ग्राहक को पता नही लगता था कि उसके नाम से कोई दुसरा सिम कार्ड भी चल रहा है। तब आरोपी योगेश व गोरव ने जुलाई माह मे कुरई मे कैंप लगाकर सैकड़ों सिमकार्ड इश्यु करवाए एंव डी-केवाईसी के माध्यम से लोगो सिम कार्ड खुद ही रख लिए, उक्त सिमकार्ड प्राप्त करने के लिए ठग गैंग का तीसरा आरोपी सुजल सुर्यवंशी आया, जिसे आरोपी योगेश के द्वारा कई महीनों तक गौरव तिवारी के माध्यम से सिमकार्ड प्राप्त कर उपलब्ध कराए जिसके बदले में प्रत्येक सिमकार्ड पर 500 रुपए ऑनलाइन प्राप्त करना कबूला।
सुजल सुर्यवंशी जिला सिवनी ने पूछताछ मे बताया कि वर्तमान मे नल फीटिंग का कार्य करता है, और कक्षा 11वी तक पढाई की है। आरोपी दुसरे देश लाओस स्थित ठग गैंग से संपर्क में था और साथी आरोपी योगेश व गौरव के माध्यम से सिमकार्ड प्राप्त कर, देश के कई राज्यों सहित देश के बाहर लाओस देश में भी ठग गैंग को सिमकार्ड उपलब्ध कराना कबूला है। पूछताछ मे आरोपीयो से औऱ कई बडे खुलासे होने की संभावना है।
उक्त प्रकरण में आरोपियों द्वारा पूछताछ मे ऑनलाइन ठग गैंग के सदस्य के रूप में कार्य करना स्वीकार किया है। क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर प्रकरण में पूछताछ व विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।