- आरोपियों ने लगभग 5 लाख रुपए के यूएसडीटी एवं एक मोबाइल लूटे थे ।
- आरोपियों में से दो पर पूर्व में इंदौर शहर में करीबन 2 दर्जन अपराध है पंजीबद्ध ।
- आरोपी करते है प्रॉपर्टी दलाली एवं मोबाइल रिपेयरिंग का काम।
- तीनों ही आरोपी 10वी 12वी तक ही पड़े लिखे हैं।
इंदौर क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त कार्यालय में फरियादी स्नेह पिता राजेश परमार नि.द्वारिकापुरी ने शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें उसने तीन आरोपी दीपक, नीरज, अमन द्वारा दिनांक 09.10.2025 शाम करीब 6-7 बजे के बीच नकली क्राइम ब्रांच वाले बनकर आवेदक के साथ घर में घुस कर मारपीट की एवं आवेदक व उसके पिता को गाड़ी में ले जाकर लसुड़िया क्षेत्र में डराया धमकाया एवं मारपीट की गई थीं। आवेदक को डराया गया कि तुम फ्रॉड का कार्य करते हो जिसके लिए तुम्हे जेल जाना होगा। जिसके बाद आवेदक को वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के एवज में आवेदक के मोबाइल से उसके ट्रेडिंग अकाउंट में से 5773 USDT जिनकी भारतीय मुद्रा में कीमत करीबन 5,12,000/- हैं फोन के माध्यम से अन्य खाते में ट्रांसफर करवा लिए और आवेदक को वैधानिक कार्यवाही से बचने के लिए और राशि की मांग की गई थी। जिसके बाद आवेदक द्वारा क्राइम ब्रांच में शिकायत की गई ।
शहर में अपराधों एवं अवैधानिक गतिविधियों में संदिग्धों को विधिसंगत कार्यवाही करने हेतु निर्देश पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा दिए गए हैं। इसी अनुक्रम में क्राइम ब्रांच टीम के द्वारा उपरोक्त शिकायत में वैधानिक कार्यवाही करते तीनों आरोपियों के खाते फ्रीज कराए एवं तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों की पहचान कर विधिवत दबिश देकर आरोपियों –
1.दीपक तिवारी नि.लहिया कॉलोनी हीरानगर इंदौर
2.नीरज तिवारी नि.लहिया कॉलोनी हीरानगर इंदौर
3.अमन लखिया नि.स्कीम न.54, इंदौर को गिरफ्तार किया गया है ।
तीन में से दो आरोपियों 1. दीपक तिवारी पर 15 अपराध एवं 2.नीरज तिवारी पर 13 अपराध इंदौर के विभिन्न थानों में पूर्व से दर्ज हैं।
आरोपी प्रॉपर्टी दलाली एवं मोबाइल रिपेयरिंग का कार्य करते हैं और 10वी,12वी, 5वी तक पड़े लिखे हैं।
आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वो कई दिनों से आवेदक पर निगरानी कर रहे थे एवं उसके द्वारा ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के बारे जानकारी थी, अच्छा पैसा वसूल करने की नियत से ये नकली पुलिस बनकर ये कृत्य करना कबूला है। आरोपियो के विरुद्ध थाना अपराध शाखा में अपराध पंजीबद्ध कर, विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं ।