• झांकियों के कारण अधिकतर रास्ते अवरुद्ध होने से परेशान एक घायल व्यक्ति को, आरक्षक ने बढ़ी हिकमत अमली से पहुँचाया हॉस्पिटल।

 

  • जुलूस के दौरान, आवश्यक दस्तावेजों व नगदी सहित मिलें पर्स को आरक्षक ने संबंधित व्यक्ति को ढूंढकर लौटाया वापस

 

इंदौर – पुलिस अपराध नियत्रंण एवं कानून व्यवस्था की अपनी ड्यूटी के साथ-साथ अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का बखूबी निर्वहन भी वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उत्कृष्ठ मानवीय मूल्यों के साथ पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से कर रही है।

 

इसी अनुक्रम में ऐसे ही दो मामले इंदौर में अनंत चतुर्दशी के उत्सव के दौरान हुए।

जब झांकी मार्ग की ज्यादातर सड़कें जुलूस और भीड़ के कारण यातायात के लिए अवरुद्ध थीं, आरक्षक भूपेंद्र बामनिया (डीआरपी लाइन) ने अपनी ड्यूटी के दौरान मानवता और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश की। दिनांक 06.09.25-की रात्रि में  एक ऑटो से बाइक चालक नरसिंह जी जोशी की टक्कर हो गई थी जिससे उनके सिर और दोनों पैरों में चोटें आईं थी । नरसिंह के परिवार ने उन्हें  यूनिक अस्पताल लाए परन्तु सुविधा नहीं होने से अन्य अस्पताल ले जाने की कोशिश की, जो राजवाड़ा से लगभग 4 किलोमीटर दूर था। हालांकि, यूनिक अस्पताल में  ईलाज की सुविधा नही मिलने   और अवरुद्ध रास्तों के कारण वे परेशान थे।

उक्त परिवार की परेशानी को आरक्षक भूपेंद्र बामनिया ने समझा और अपनी बाइक से ही घायल नरसिंह को गलियों के रास्ते कालानी नगर स्थित दर्श अस्पताल सुरक्षित पहुंचाया, जहां उनका इलाज शुरू हुआ। इस त्वरित और निस्वार्थ सहायता ने नरसिंह और उनके परिवार को संकट से उबारा और अनंत चतुर्दशी के पवित्र अवसर पर मानवता की भावना को जीवंत किया।

 

एक और मामले में अनंत चतुर्दशी की ड्यूटी कर रहे डीआरपी लाइन के आरक्षक सुमित होरा को दिनांक 06.09.25 को ड्यूटी के दौरान रात्रि में रोड़ पर एक पर्स मिला, जिसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, कुछ नगदी व अन्य आवश्यक दस्तावेज थे, छानबीन करने पर उक्त पर्स किसी महेंद्र कुमार माहेश्वरी निवासी स्कीम नंबर 71 इंदौर का होना पाया गया। आरक्षक द्वारा सबंधित व्यक्ति से संपर्क कर तस्दीक पश्चात उक्त पर्स दस्तावेज सहित वापस कर उनके चेहरे की मुस्कान लौटाई।

 

उक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा इंदौर पुलिस की त्वरित व संवेदनशील कार्यवाही की प्रशंसा कर दोनों आरक्षकों को धन्यवाद दिया गया।

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