- सीनियर सिटीजन फरियादी के साथ 40 लाख 70 हजार रू की हुई थी ऑनलाइन ठगी।
- पुलिस के द्वारा ऑनलाइन ठगी से संबंधित 23 बैंक खातों को किया गया फ्रीज ।
- क्राइम ब्रांच इंदौर के द्वारा उक्त प्रकरण में गुजरात के 02 आरोपी को किया गिरफ्तार।
- गैंग के सदस्य, कॉल पर स्वयं को पुलिस अधिकारी, CBI अधिकारी एवं सुप्रीम कोर्ट के फर्जी कूटरचित दस्तावेज भेजकर पुलिस केस में फंसाने का झूठ बोलकर ऑनलाइन पैसे प्राप्त कर, देते थे वारदात को अंजाम।
- आरोपी गैंग के सदस्य लोगो को पुलिस अधिकारी बताकर ठगने के प्रयास हेतु रोजाना सैकडो लोगो को करते थे कॉल।
- आरोपी गैंग देश के विभिन्न राज्यों में बैठकर करते है ऑनलाइन ठगी ।
इंदौर कमिश्नरेट में लोगों के साथ छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को लगाया गया है।
इसी अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर 71 वर्षीय रिटायर्ड इंदौर निवासी फरियादी ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी की शिकायत की थी जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि दिनांक 03/10/2024 को सुबह 10 बजे मेरे मोबाइल नंबर पर व्हाट्सप्प कॉल आया और उन्होंने कहा की आपने मुंबई में कैनरा बैंक से 2 करोड़ 60 लाख का रि–ट्रांसक्शन किया है और मैं बांदा पुलिस स्टेशन से बात कर रहा हु और अपना नाम नहीं बताया और मुझे बोलै की उन्हें पता चला है की उस 2 करोड़ 60 लाख के री–ट्रांजेक्शन के बदले में आपको 15 प्रतिशत कमीशन आपके खाते में ट्रांसफर हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आर्डर की फर्जी कॉपी और बहुत सारे पेपर मेरे नाम से अरेस्ट करने के बाबाद मुझे बताये और कहा की आपको पुलिस और CBI अरेस्ट करने आ रही है। मेने उन्हें कहा की ऐसा कोई ट्रांजेक्शन या बैंक अकाउंट मुंबई में मेरे पास नहीं है, परन्तु उन्होंने कहा की कैनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर को अरेस्ट करने के बाद उसके घर से बहुत सारी फ्रॉड पासबुक मिली है जिसमे से 1 फ्रॉड पासबुक आपकी नाम की पायी गयी है। इसके बाद में काफी डर गया और उन्हें बोलै की मेने ऐसा कुछ नहीं किया है तो उन्होंने बोला की अगर आप इस केस से निकलना चाहते है तो आप हमारे CBI ऑफिसर से रिक्वेस्ट कर, वो केस को इन्वेस्टीगेट करेंगे, आपको इनोसेंट पाए जाने पर आपको केस से दोषमुक्त कर देंगे। उन्होंने CBI ऑफिसर का नाम आकाश कुलकर्णी बताया। बांदा वाले पुलिस ऑफिसर ने मुझे तुरंत आकाश कुलकर्णी से उनके फोन नंबर से कांफेरेस कॉल पर ले लिया और आकाश कुलकर्णी ने मेरे से मेरे बैंक खातो की जानकारी मांगी जो मेने उन्हें दें दी। उसके बाद आकाश कुलकर्णी ने बोला की आपके कमीशन के पैसे की जानकारी निकलने के लिए आप RBI के बैंक खातों में आपके खातों से पूरी राशि जमा कर दो, हमारी टीम उसे चेक कर, उस राशि को वेरीफाई कर लेगी अगर उसमे कोई फ्रॉड नहीं होगा तो आपके पुरे पैसे वापिस करवा देंगे। क्यू कि में काफी डर गया था तो मेने उस वजह से अपनी Fd तुड़वा कर और पूर्व में मेरे बैंक खाते में पड़े रूपए सहित कई बार में कुल – 40,70,000 रूपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद मेरे खाते में कोई पैसा वापिस नहीं आया और मुझे समझ आया की मेरे साथ फ्रॉड हुआ है। उसके बाद मेरे द्वारा NCRP पोर्टल पर भी उपरोक्त घटना की शिकायत की गयी थी।
फरियादी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 3(5) BNS का पंजीबद्ध किया गया है।
उक्त सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रकरण में विवेचना के दौरान तकनीकी जानकारियों के आधार पर इंदौर क्राईम ब्रांच के द्वारा गुजरात राज्य से आरोपी (1) हिम्मत भाई देवानी निवासी सूरत (गुजरात), (2) अतुल गिरी गोस्वामी निवासी – जिला कच्छ (गुजरात) को गिरफ्तार किया गया
आरोपियों के द्वारा ऑनलाइन ठगी के लिए गैंग को बैंक खाते प्रोवाइड करने का कार्य करना स्वीकार किया है। उक्त फर्जी डिजिटल अरेस्ट प्रकरण में इंदौर क्राइम ब्रांच के द्वारा आरोपियों का पुलिस रिमांड प्राप्त कर गैंग के अन्य सदस्यों एवं अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु पूछताछ की जा रही है ।