साइबर अपराधों के प्रति जनजागरुकता के लिए बनाई पुस्तक  ‘Cyber Protector’ का, पुलिस कमिश्नर इंदौर ने किया विमोचन।

 

पुस्तक को वर्षों के अनुभव, सैकड़ों केस स्टडीज़, और अधिकारियों की रिपोर्ट्स के आधार पर, एडिशनल डीसीपी श्री राजेश दंडोतिया द्वारा किया गया है तैयार।

 

इंदौर – शहर मे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने तथा लोगो मे साइबर अपराधो के प्रति जन जागरुकता लाने के लिए पुलिस कमिश्नर इंदौर के दिशा निर्देशन में इंदौर पुलिस  द्वारा लगातार नित नए प्रयास किये जा रहे है। इसी अनुक्रम में पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा आज दिनांक 16.12.25 को साइबर जागरुकता की अलख जगाने के लिए रचित पुस्तक ‘Cyber Protector’ का विमोचन किया गया। इस दौरान अति पुलिस आयुक्त   (कानून व्यवस्था) इंदौर श्री अमित सिंह, अति पुलिस आयुक्त  (अप./मुख्या.) इंदौर श्री आर. के. सिंह, पुलिस उपायुक्त (ज़ोन-04/ट्रैफिक) इंदौर श्री आनंद कलादगी, अति पुलिस क्राइम श्री राजेश डंडोतिया सहित अन्य पुलिस अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

पुलिस आयुक्त द्वारा पुस्तक का विमोचन करते हुए बताया कि अति पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच इंदौर श्री राजेश डंडोतिया द्वारा रचित पुस्तक ‘Cyber Protector’ आज के डिजिटल युग में  साइबर सुरक्षा ढाल है। यह पुस्तक महज एक जानकारी का स्रोत नहीं, बल्कि हर आम और खास नागरिक के लिए चेतावनी, सावधानी और समाधान का समुचित मेल है। इस पुस्तक को वर्षों के अनुभव, सैकड़ों केस स्टडीज़, और अधिकारियों की रिपोर्ट्स आदि के आधार पर इस कृति को तैयार किया गया है। उन्होने बताया कि एक आम नागरिक,  इसे सहजता से समझ सके और उसका लाभ उठा कर साइबर अपराधों के प्रति जागरूक हो, इसी को ध्यान में रखते हुए इसकी रचना की गई हैं।

‘Cyber Protector’ पुस्तक मे विभिन्न डिजिटल अपराधो, साइबर ठगी, OTP फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग और ऑनलाइन ब्लैकमेल, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, सोशल मीडिया संबंधी फ्रॉड आदि विभिन्न साइबर अपराधों  व उनसे बचने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया है। तथा इसमे साइबर अपराधों का शिकार होने वाले अशिक्षित या तकनीकी ज्ञान से वंचित लोगो एवं कई ऐसे प्रबुद्ध, शिक्षित और समझदार लोगों के अनुभवों को भी शामिल किया गया है जो धोखे का शिकार हुए है।

‘Cyber Protector’ पुस्तक के बारे में बताते हुए श्री राजेश दंडोतिया ने बताया कि, पुलिस कमिश्नर इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह के दिशा निर्देशन व परिकल्पना के अनुसार ही उक्त पुस्तक की रचना की गई है।  साइबर सुरक्षा केवल पुलिस या तकनीकी विशेषज्ञों का विषय न होकर, समाज के हर वर्ग की ज़रूरत व वर्तमान समय की आवश्यकता है। चाहे वह विद्यार्थी , शिक्षक,  अभिभावक, वरिष्ठ नागरिक या छोटे व्यवसायी हो—हर किसी को डिजिटल सुरक्षा की बुनियादी समझ आवश्यक है।

357 पेज की इस पुस्तक में 34 चेप्टरों में  कई वास्तविक घटनाओं के ज़रिये विभिन फ्रॉड की केस स्टडी के माध्यम से बताया गया है कि कैसे छोटी सी गलती और लापरवाही बड़े आर्थिक और मानसिक नुक़सान में बदल सकती है।

इस पुस्तक ‘Cyber Protector’ के माध्यम से इंदौर पुलिस का उद्देश्य आमजन मे साइबर अपराधो के प्रति जन जागरुकता लाना है। इस पुस्तक मे साइबर अपराधो के प्रकार एवं उनसे बचने के तरीके बताये गये है। यह पुस्तक आम नागरिक ऑनलाईन प्लेटफार्म फ्लिपकार्ट, अमेजॉन से भी खरीद सकते है।

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