- एडिशनल डीसीपी श्री राजेश दंडोतिया ने NCC कैडेट्स के बीच पहुँच लगाई साइबर अवेयरनेस की 650 वीं कार्यशाला ।
- NCC कैडेट्स ने भी साइबर सुरक्षित रहने के लिए दोहराई ये बात कि “बेशक नई-नई तकनीकों एवं सुविधाओं को तो हमे अपनाना है…. परंतु डिजिटल वर्ल्ड में सतर्कता और सावधानी को कभी भी भूल नही जाना है।”
इंदौर- वर्तमान में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये, इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में इंदौर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी अनुक्रम में अति. पुलिस उपायुक्त क्राइम इंदौर श्री राजेश दंडोतिया ने पुलिस टीम के साथ 1 MP एयर स्क्वाड्रन एनसीसी इंदौर के वार्षिक शिविर में विद्यासागर स्कूल में पहुंचकर, सायबर अवेयरनेस के तहत 650 वीं कार्यशाला लगाकर वहां उपस्थित करीब 350 NCC कैडेट्स को वर्तमान समय के साइबर अपराधों के विषय में बताते हुए, पुलिस के पास आने वाली साइबर अपराधों की केस स्टडी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड तथा सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर, किस प्रकार अपराधी हमें अपना शिकार बनाते हैं आदि के बारे में जानकारी दी।
विदित हो कि, साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के अभियान के तहत इंदौर पुलिस द्वारा लगातार स्कूल/कॉलेज, संस्थानों, बैंक, औघोगिक इकाईयों, कॉलोनियों, में बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक के हर जाति वर्ग के लोगों के बीच जाकर उन्हें साइबर अपराधों से बचाने के लिये जागरूक किया जा रहा है। साइबर अवेयरनेस के इस महाअभियान में एडीशनल डीसीपी क्राइम इंदौर श्री राजेश दंडोतिया भी कार्यशालाओं, नुक्कड़ नाटकों, पोस्टर्स, पम्पलेट्स व सोशल मीडिया आदि के माध्यम से आम नागरिकों से सीधे जनसंवाद कर जागरूकता की अलख जगा रहे हैं। इसी के अंतर्गत आज उनकी ये 650 वीं कार्यशाला थी, जिसमें उन्होंने वर्चुअल वर्ल्ड की विभिन्न नई नई तकनीकों का दुरुपयोग करके किस प्रकार के नए नए साइबर अपराध किये जा सकते हैं बताया। साथ ही साइबर अपराध होने पर हेल्पलाइन-1930, cybercime.gov.in तथा इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 704912445 आदि पर किस प्रकार शिकायत करें तथा पुलिस इन पर किस प्रकार कार्यवाही करती है और साइबर अपराधों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें आदि के संबंध में प्रैक्टिकली समझाया।
उन्होंने सभी से कहा कि, चूंकि हम सभी आजकल ज्यादा से ज्यादा काम और पढ़ाई भी ऑनलाइन ही कर रहे है। इस डिजिटल वर्ल्ड में साइबर अपराधियों के सबसे ज्यादा सॉफ्ट टारगेट्स- टीनएजर्स, नए युवा, बुजुर्ग और महिलाएं ही होते हैं। ये अपराधी बच्चों व युवाओं को ऑनलाइन गेम व बेटिंग ऐप्प की लत लगाकर, उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर महिलाओं को परेशान कर रहे हैं। लालच व डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन व फर्जी शयेर ट्रेडिंग जैसे फ्रॉड कर रहे हैं
अतः साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक और सतर्क रहकर पूरी सावधानी के साथ डिजिटल व फाइनेंशियल कार्य करें, सोशल मीडिया का उपयोग करें, अनजान लिंक पर क्लिक करने व ऑनलाइन गेम खेलने मे भी विशेष सावधानी बरतें और अपनी निजी जानकारी किसी से कभी भी शेयर न करें।
इस दौरान पुलिस टीम ने वहाँ उपस्थित कैडेट्स को साइबर अवेयरनेस के पम्पलेट्स व स्टिकर्स भी दिए और सभी को साइबर जागरूकता लाने में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया।