■ थाना स्तर पर ही पीड़ित को मिल जाए, सायबर अपराधों की षिकायतों का समाधान, इसके लिये प्रत्येक थाने के पुलिस कर्मियों को किया जा रहा है, आधुनिक तकनीकी में दक्ष बनाने का प्रयास।
■ 5 लाख से कम तक के फाइनेंशियल ऑनलाईन फ्रॉड का थाना स्तर पर ही हो सके समाधान, इसके लिये पुलिस कर्मियों को किया जा रहा है, सायबर एक्सपर्ट द्वारा प्रशिक्षित।
इंदौर- वर्तमान के बढ़ते सायबर अपराधों की रोकथाम हेतु इन्दौर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है साथ ही जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। सायबर अपराधों की शिकायतों में पीड़ित/आवेदक को थानें पर ही उचित समाधान मिल सकें व उसे इधर उधर न भटकना पड़े, इसी बात को ध्यान में रखते हुए, पुलिस आयुक्त नगरीय इन्दौर श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा थाना स्तर पर सायबर अपराधों के लिये दक्ष पुलिस कर्मी हो, इसके लिये, एक विशेष ट्रैनिंग की कार्ययोजना तैयार करवाई गयी है। जिसके तहत नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक थाने से पुलिस कर्मियों को सायबर अपराधों पर प्रभावी कार्यवाही के लिये, प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसी अनुक्रम में नगरीय क्षेत्र के सभी थानों से आरक्षक से उप निरीक्षक स्तर के करीब 80 पुलिस कर्मियों के लिये दो दिवसीय सायबर ट्रैनिंग दिनांक 18 व 19 जनवरी को पुलिस आयुक्त कार्यालय पलासिया में आयोजित की गयी, जिसका सफलतापूर्वक समापन आज 19.01.25 को अति. पुलिस आयुक्त (का./व्य.) नगरीय इंदौर श्री अमित सिंह की विशेष उपस्थिति व पुलिस उपायुक्त मुख्यालय श्री अंकित सोनी एवं अति. पुलिस उपायुक्त क्राइम श्री राजेश दण्डोतिया की मौजूदगी में किया गया ।
उक्त प्रशिक्षण में पुलिस कर्मियों को क्राइम ब्रांच के एडीशनल डीसीपी व उनकी टेक्निकल टीम के अनुभवी अधिकारी/कर्मचारी जो विभिन्न सायबर अपराधों में दिन प्रतिदिन कार्यवाही करते है , के द्वारा सायबर अपराधों व फ्रॉड के विभिन्न प्रकार की जानकारी देते हुए, फांईनेशियल, ऑनलाईन, सोशल मीडिया आदि के सायबर अपराधों के बारें में बताया व इनके पीड़ित यदि थानें में आएं तो क्या करें व किस प्रकार उन पीड़ितों की मदद करें कि, उनकी समस्या का निदान जल्द से जल्द हो सके बताते हुए, सायबर क्राइम हो जाने पर पीड़ित के थाने आने पर किस प्रकार उसकी शिकायत जल्द से जल्द 1930 व सायबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर दर्ज करना है, जिससे उसकों त्वरित समाधान दिलाया जा सके। विभिन्न फांईनेशियल फ्रॅाड में जितनी जल्दी शिकायत दर्ज हो जाएं उसमें उनकी राशि मिलने की संभावना उतनी ज्यादा होती है, इस बात को विशेष तौर पर ध्यान रखने की बात बताई।
उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में पुलिस कर्मियो को आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर, किस प्रकार अपराधी विभिन्न सायबर क्राइम जैसे- डिजीटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, फर्जी शेयर ट्रेडिंग, फर्जी लोन ऐप्प, ओटीपी फ्रॉड, ऑनलाईन गेम/बेटिंग, ई-कामर्स फ्रॉड, सायबर स्टाकिंग, सायबर बुलिंग, सोशल मीडिया हैक अदि कर रहे है, इसका विभिन्न केस स्टडीज की प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रेक्टिकली बताया और इनकी शिकायतों पर किन माध्यमों से क्या कार्यवाही करना है और किन बातों का ध्यान रखना है, इसका भी प्रशिक्षण दिया गया।
दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के समापन के अवसर पर एडीशनल कमिश्नर श्री अमित सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि, इस तकनीकी दुनिया के नए-नए प्रकार के अपराधों के विरूद्ध भी प्रभावी कार्यवाही के लिये हमारी इंदौर पुलिस के ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मी तकनीकी रूप से दक्ष हो यही, पुलिस कमिश्नर इंदौर का सायबर अपराधों को देखते हुए विजन है। इसी को ध्यान मे रखते हुए आप सभी को ये ट्रेनिंग दी जा रही है, तो आप सभी को यहां जो सिखाया गया है, उसका अपने थानों पर इम्पलीमेंटेशन करें व कोई भी पीड़ित किसी भी प्रकार की सायबर अपराधों की शिकायत लेकर आता है तो उस पर बताई गयी उचित कार्यवाही करें, जरूरत पड़े तो एक्सपर्ट से संपर्क कर मार्गदर्शन प्राप्त करें, बस हमारा ये ही ध्येय हो कि पीड़ित को हम त्वरित समाधान दिला सके।
डीसीपी मुख्यालय श्री अंकित सोनी ने बताया कि उक्त ट्रेनिंग के तहत किस प्रकार के फॉड में क्या और किस प्रकार से कार्यवाही करना है, इसकी एसओपी भी बनावाई जा रही है, जो सभी को प्रदाय की जावेगी। इसके अलावा एक्सपर्ट के साथ उक्त प्रशिक्षणार्थियों के ग्रुप भी बनवाए जाएंगें, ताकि इन्हें थानों पर किसी भी प्रकार की समस्या हो तो ये संपर्क कर उसका निदान कर सके।
उक्त कार्यशाला के समापन पर, दो दिवस की इस ट्रैनिंग में पुलिसकर्मियों को जो सिखाया गया, उसका एक टेस्ट भी लिया गया, और इसे सफलता पूर्वक पूर्ण करने वाले पुलिसकर्मियों को, एडिशनल कमिश्नर व डीसीपी मुख्यालय द्वारा प्रशस्ति पत्र भी प्रदाय किये गए।
इन्दौर पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों को तकनीकी रूप से सक्षम व दक्ष बनाने के लिये उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर जारी रहेगा।